इस आयोजन की शुरुआत फ्रांस में हुई थी. संगीत प्रेमी इस बात को ज्यादा अच्छी तरह समझ सकते हैं कि फ्रांस किस तरह अपनी संस्कृति और परंपरा को आगे बढ़ाता है. फ्रांस में यह दिन साल 1982 में मनाया गया और तब से यह सिलसिला जारी है. फ्रांस में इस जलसे को ‘Fete de la Musique’ के नाम से जाना जाता है.
जलसे से जुड़ी दूसरी कहानी
साल 1976 में अमेरिका के मशहूर संगीतकार जोएल कोहेन ने फ्रांस में संगीत पर आधारित एक जलसे का आयोजन किया था. तब से 21 जून की तारीख में हर साल वर्ल्ड म्यूजिक डे मनाया जाता है. संगीत प्रेमी इस दिन को दुनियाभर में मनाते हैं. अलग-अलग देशों के संगीतकार अपने-अपने वाद्ययंत्रों के साथ रात भर कार्यक्रम पेश करते हैं और संगीत को समृद्ध करते हैं.
बिना पैसे लिए सुनाते हैं संगीत
इस मौके पर अलग-अलग देशों के सफल और मशहूर संगीतकार लोगों के लिए पार्क, म्यूजियम, रेलवे स्टेशन और आम सार्वजनिक जगहों पर लोगों के लिए गीत-संगीत बजाते हैं. वे इसके बदले में कोई पैसा भी नहीं लेते. वे ऐसा करके जनता और म्यूजिक के बीच पुल का काम करते हैं. आज के समय में इन जलसों का आयोजन अर्जेंटिना, ब्रिटेन, लक्जमबर्ग, जर्मनी, चीन, लेबनॉन, कोस्टा रिका के अलावा भारत में भी होने लगा है. संगीतकार इन जलसों के माध्यम से पूरी दुनिया में अमन और शांति का प्रचार करना चाहते हैं.