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टोक्यो: भारतीय टेबल टेनिस स्टार मनिका बत्रा (Manika Batra) ने अपने निजी कोच को कोर्ट में प्रवेश की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद शनिवार को टोक्यो ओलंपिक के पहले दौर के मैच में राष्ट्रीय कोच सौम्यदीप रॉय की सलाह लेने से इनकार कर दिया.

दुनिया की 62वें नंबर की खिलाड़ी मनिका ने ब्रिटेन की 94वीं रैंकिंग की टिन हो के खिलाफ 4-0 से जीत हासिल की लेकिन कोच के कार्नर पर कोई नहीं बैठा था जिससे सोशल मीडिया पर इसे लेकर काफी चर्चा बनी रही.

ये है पूरा मामला

मनिका (Manika Batra) के निजी कोच सन्मय परांजपे को विवादास्पद तरीके से उनके साथ टोक्यो जाने की मंजूरी दे दी गयी लेकिन उन्हें राष्ट्रीय टीम के साथ खेल गांव में ठहरने की अनुमति नहीं दी गई. वह होटल में ठहरे हैं और उन्हें केवल अभ्यास के लिए आने की अनुमति है.

छब्बीस साल की खिलाड़ी अपने कोच के एक्रिडिटेशन को ‘अपग्रेड’ कराना चाहती थीं ताकि वह उनके मैचों के दौरान कोर्ट पर उनके साथ रहे सकें लेकिन टीम प्रमुख एम पी सिंह (जो भारतीय टेबल टेनिस महासंघ के सलाहकार भी हैं और टोक्यो में हैं) ने कहा कि मनिका की उनके कोच को कोर्ट पर रहने की अनुमति देने का अनुरोध आयोजकों द्वारा खारिज कर दिया गया.

सिंह ने पीटीआई से कहा, ‘जब उनके निजी कोच को कोर्ट पर पहुंचने की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया तो उन्होंने हमारे राष्ट्रीय कोच से कोचिंग लेने से इनकार कर दिया. इस मामले में मुझे हस्तक्षेप करना पड़ा था लेकिन उन्होंने मुझसे भी मैच के दौरान रॉय की सलाह लेने से इनकार कर दिया’.

हालांकि जब शरत कमल और मनिका मिश्रित युगल में राउंड 16 का मैच खेल रहे थे तो रॉय कोर्ट पर दिख रहे थे. रॉय 2006 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पुरूष टीम के सदस्य थे और वह भारत के महान टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत के लंबे समय साथी भी रह चुके हैं.

बता दें कि कोविड-19 काल में हो रहे खेलों में टीम के साथ सहयोगी स्टाफ की संख्या पर सामान्य से भी ज्यादा पांबदियां हैं. परांजपे को टोक्यो की यात्रा करने की अनुमति दे दी गयी लेकिन जी साथियान के कोच और ओलंपियन एस रमन को नहीं दी गई.

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