Hot News
Black Money
Share it

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने शनिवार को मीडिया रिपोर्ट्स के उन दावों को खारिज कर दिया है, जिनमें कहा गया था कि पिछले साल 2020 में स्विस बैंकों (Swiss Banks) में भारतीयों का काला धन (Black Money) बढ़कर 20,700 करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो गया है. मंत्रालय ने ये भी कहा कि वो स्विस बैंक के अधिकारियों से लगातार इस बारे में तथ्य और जानकारियों की मांग रहा है जिसमें भारतीय लोगों और इंडियन यूनिट्स द्वारा जमा कराई गई राशि में बदलाव की संभावित वजह से जुड़ी जानकारियां भी शामिल है.

भारतीयों की जमा रकम आधी रह गई!

मंत्रालय ने शनिवार को बयान में कहा कि भारतीयों की जमा आधी रह गई है. हालांकि, मंत्रालय ने इस बारे में कोई आंकड़ा नहीं दिया है. स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक के आंकड़ों के हवाले से न्यूज़ एजेंसी पीटीआई ने 17 जून को खबर दी थी कि भारतीय लोगों और कंपनियों का स्विस बैंकों में जमा धन 2020 में 13 साल के उच्चस्तर 2.55 अरब स्विस फ्रैंक या 20,700 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. इनमें भारत स्थित शाखाओं और अन्य वित्तीय संस्थानों के जरिये जमा धन भी शामिल है.

‘कालेधन से जुड़े संकेत नहीं’

खबरों के अनुसार प्रतिभूतियों और इसी तरह के अन्य माध्यमों के जरिये स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा में बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, इस दौरान ग्राहक-जमा में कमी आई है. वहीं वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस आंकड़ों से स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के कालेधन का कोई संकेत नहीं मिलता है. इसके अलावा आंकड़ों में भारतीयों, एनआरआई या अन्य द्वारा तीसरे देश की इकाई के रूप में जमा धन भी शामिल नहीं है.

SNB की पिछली जानकारी

मंत्रालय ने कहा ‘वास्तव में स्विस बैंकों में भारतीय उपभोक्ताओं की जमा राशि में गिरावट आई है. लेकिन बढ़ोतरी बांड, प्रतिभूतियों या अन्रू वित्तीय उत्पादों के रूप में हुई है. उस बढ़ोतरी की कई अन्य वजहें हैं. इसमें भारतीय कंपनियों के बढ़ते कारोबारी लेनदेन, भारत में स्विस बैंक की शाखाओं की वजह से जमा में बढ़ोतरी और स्विस तथा भारतीय बैंकों के बीच अंतर-बैंक लेनदेन में वृद्धि शामिल है.’

वहीं स्विस नेशनल बैंक (SNB) के आंकड़ों के अनुसार भारतीय ग्राहकों की स्विस बैंकों में जमा राशि 2019 के अंत तक 89.9 करोड़ स्विस फ्रैंक या 6,625 करोड़ रुपये थी. लेकिन 2020 में इसमें बढ़ोतरी हुई और दो साल से लगातार आ रही गिरावट रुख पलट गया.

‘भारत और स्विटजरलैंड के बीच की जाती है जानकारी साझा’

मंत्रालय ने आगे बताया कि भारत और स्विटजरलैंड कर मामलों (Tax Matters) में पारस्परिक प्रशासनिक सहायता पर बहुपक्षीय सम्मेलन (MAAC) के हस्ताक्षरकर्ता हैं और दोनों देशों ने बहुपक्षीय सक्षम प्राधिकरण समझौते (MCAA) पर भी हस्ताक्षर किए हैं, जिसके अनुसार दोनों देशों के बीच साल 2018 से ही सालाना वित्तीय खातों (Financial Account Information) की जानकारी साझा की जा रही है.’

Leave a Reply

Your email address will not be published.