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रुद्रप्रयाग: केदारनाथ (Kedarnath) मंदिर में प्रवेश को लेकर चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड (Chardham Devasthanam Board) और तीर्थ पुरोहितों में हुई नोकझोंक और तकरार का मामला अभी तक थमा नहीं है. इस मामले को लेकर मंदिर के तीर्थ पुरोहित इस देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. आज उनके शांतिपूर्ण प्रदर्शन का तीसरा दिन है. ये पुजारी सुबह निश्चित समय पर कोविड प्रोटोकॉल (Corona Protocol) के हिसाब से वहां बैठते हैं और दिन ढलने से पहले यहां से चले जाते हैं. 

क्या था मामला?

दरअसल तीर्थ पुरोहितों की कई मुद्दों को लेकर इस चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड से नाराजगी है. वहीं पिछले महीने मई में देवस्थानम बोर्ड के सदस्यों ने तीर्थ पुरोहितों को गर्भगृह में प्रवेश नहीं करने दिया. इस पर कुछ तीर्थ पुरोहितों ने हठ ठान ली कि वे मंदिर में प्रवेश करके रहेंगे. विवाद के चलते कुछ देर मंदिर बंद भी रहा. हालांकि, बाद में बातचीत से मामला शांत हो गया. देवस्थानम बोर्ड के सदस्यों का कहना था कि सिर्फ मुख्य पुजारी व रावल को ही मंदिर के गर्भगृह में जाने की अनुमति है.

श्रद्धालुओं पर लगी है रोक

केदारनाथ धाम में इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार की ओर से यात्रा स्थगित रखी गई है. वहीं इसी के साथ ही कोई मंदिर में प्रवेश भी नहीं कर सकता. यहां तक कि धाम में रह रहे तीर्थ पुरोहितों के मंदिर प्रवेश पर भी देवस्थानम बोर्ड की ओर से रोक लगाई गई है. सिर्फ मुख्य पुजारी ही कोविड गाइडलाइन के अनुसार मंदिर में नियमित पूजा कर रहे हैं.

विरोध करने वालों में तीर्थ पुरोहित तेज प्रकाश त्रिवेदी, अंकुर शुक्ला, पंकज शुक्ला, नवीन शुक्ला, रमाकांत त्रिवेदी आदि शामिल थे. दूसरी ओर देवस्थान बोर्ड के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी ने कहा था कि उच्चाधिकारियों को घटनाक्रम की जानकारी दी गई है.

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