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नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के साउथ-ईस्ट जिला (South East District) की एसटीएफ टीम के स्टॉफ ने इंटरस्टेट ऑटो लिफ्टर गैंग (Interstate Auto Lifter Gang) का भंडाफोड़ कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उनके पास से पांच कार, पांच डुप्लीकेट चाबियां, पैड सिस्टम, ड्रिल मशीन और अन्य उपकरण बरामद किए हैं. पुलिस ने आरोपियो को गिरफ्तार कर ऑटो चोरी के पाँच मामलों को सुलझा लिया है. आरोपी ऑटो मैकेनिक हैं.

जिला पुलिस उपायुक्त आर.पी.मीणा ने बताया कि दक्षिण पूर्व जिले में ऑटो चोरी की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए एसीपी ऑपेरशन उमेश बर्थवाल की देखरेख में एसआई राम कुमार के नेतृत्व में एसआई सुरेंद्र कुमार, एएसआई कृपाल सिंह, हेड कांस्टेबल प्रवीण,विक्रम, कांस्टेबल मनोज, अनुज और अमितंदर की टीम  का गठन किया गया था.

टीम ने जांच के दौरान 12 जून को ऑटो लिफ्टरों के बारे में जानकारी जुटाई और लाजपत नगर मेट्रो स्टेशन के पास लाला लाजपत राय मार्ग पर. रात 11 बजकर 45 मिनट पर एक कार को निजामुद्दीन की ओर से मूलचंद अस्पताल की ओर आते हुए देखा.शक होने पर पुलिस स्टॉफ ने कार रोकने का इशारा किया. लेकिन कार चालक ने रफ्तार तेज कर भागने की कोशिश की.इसके तुरंत बाद, पुलिस स्टॉफ ने कार को रोक कर चालक और उसके दोस्तों को काबू कर लिया. कार के स्वामित्व के विवरण की जांच करने पर, यह थाना गाजीपुर के अधिकार क्षेत्र से चोरी हुई पाई गई.

पूछताछ करने पर, आरोपी व्यक्तियों की पहचान शाही नियाज उर्फ छोटू,(21),शाजिद उर्फ सलीम  (28,) , अजमल @ मोंटू (21) और रियाज (24) के रूप में हुई. पुलिस ने उनके पास से पांच कार, पांच डुप्लीकेट चाबियां पैड सिस्टम, ड्रिल मशीन और अन्य उपकरण बरामद की हैं. जांच के दौरान आरोपी शाई नियाज उर्फ छोटू और अजमल उर्फ मोंटू को पुलिस हिरासत में ले लिया.

पुलिस ने उसकी निशानदेही पर उनके पैतृक स्थानों से चोरी की चार कारें बरामद की गई हैं, जो कालकाजी,  जामिया नगर जैतपुर और न्यू आगरा, यूपी के अधिकार क्षेत्र से चोरी हुई पाई गईं.

पुलिस पूछताछ में चारों आरोपियों ने बताया कि परिवार की खराब आर्थिक स्थिति के कारण वे अपनी स्कूली शिक्षा पूरी नहीं कर सक इसलिए, उन्होंने अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए ऑटो वर्कशॉप में कार मैकेनिक के रूप में काम करना शुरू कर दिया.

लेकिन कमाई उनके लिए पर्याप्त नहीं थी. इसलिए, उन्होंने एक गैंग बनाया और जल्दी पैसा कमाने के लिए दिल्ली के पूर्वी जिले, दक्षिण जिले और दक्षिण पूर्व जिला क्षेत्र से कारों की चोरी शुरू कर दी. उन्होंने ऑनलाइन चाबियां बनाकर कारों को चुराने के लिए पैड सिस्टम और अन्य उपकरण खरीदे थे.ऑटो वर्कशॉप में कार मैकेनिक के रूप में काम करना शुरू कर दिया.

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