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संबलपुर के गोरेलाल नामक ठेकेदार के अधिनस्त कार्यरत उत्तर प्रदेश के कानपुर और कन्नौज जिले के 21 ठीका श्रमिक लॉक डाउन के साए में प्रायः डेढ़ माह से भूखे प्यासे आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं।
ठीकेदार द्वारा किसी भी प्रकार का सहयोग या आर्थिक सहायता ना मिलने पर यह श्रमिकगण
घर वापसी का फैसला कर पैदल ही अपने घर निकल पड़े।
परंतु झारसुगुड़ा जिला प्रसासन इन श्रमिकों की यात्रा पर अंकुश लगा दिया एवं श्रमिकों को स्थानीय सुक्रवार बाजार स्थित रेलवे इंस्टिट्यूट में रखे जाने से हतभागा श्रमिकों की घर वापसी पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है।
श्रमिकों में अरुण कुमार,योगेंद्र कुमार,दिलीप कुमार एवं मुकु लाल ने बताया कि हम कानपुर,कनौज एवं फरीदाबाद जिला के निवासी हैं।
जीविका के लिए ठीकेदार हमे लाकर संबलपुर में नियोजित किया था।
लॉक डाउन लागू किये जिसने से हमारी जीविका तबाह हो गई है।ठीकेदार द्वारा हमारी सुध ना लेकर हमे अपनी इच्छानुसार जीवन यापन करने का परामर्श देने से हमारी घर वापसी हमारी मजबूरी बन गई है।
झारसुगुड़ा जिला प्रशासन की एक महिला अधिकारी के हस्तक्षेप से हमे रोका गया है।आगे क्या होगा ,हमारी घर वापसी हो पाएगी या नही।
अर्थ अभाव से हमारी मोबाइलें बंद हो गईं हैं जिससे हम अपने परिजनों से संपर्क नही कर पा रहे हैं।

झारसुगुड़ा से तपस्वी लाल तिवारी की रिपोर्ट।

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