पटना: LJP में कलह और अपनों से मिली चुनौती से जूझ रहे चिराग पासवान (Chirag Paswan) का दर्द छलका है. चिराग ने कहा, ‘इस विवाद को सुलझाने में बीजेपी से मदद की अपेक्षा थी लेकिन उनकी चुप्पी ने निश्चित रूप से आहत किया है. चिराग ने कहा, ‘मेरे पिता रामविलास पासवान (Ram vilas Paswan) और मैं बीजेपी (BJP) के साथ चट्टान की तरह खड़े रहे, लेकिन जब मैं उनसे इस मुश्किल समय में उम्मीद कर रहा था तो वे साथ नहीं हैं.’
नीतीश कुमार के प्रति जाहिर किया आक्रोश
लोकजनशक्ति पार्टी (LJP) में दो फाड़ होने के बाद पार्टी के अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने खुला पत्र लिखकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी जमकर भड़ास निकाली है. उन्होंने अपने पत्र में कहा कि उनके पिता रामविलास पासवान (Ram vilas Paswan) ने कभी भी नीतीश कुमार से समझौता नहीं किया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नीतीश ने रामविलास पासवान को अपमानित करने और राजनीतिक तौर पर समाप्त करने के लिए कोई मौका नहीं छोड़ा.
‘JDU की बांटो और शासन करो की रणनीति’
एलजेपी के संस्थापक रामविलास पासवान के पुत्र चिराग ने लिखे अपने भावुक पत्र में कहा कि JDU ने हमेशा से LJP को तोड़ने का काम किया है. उन्होंने पत्र में लिखा, ‘साल 2005 फरवरी के चुनाव में हमारे 29 विधायकों को तोड़ा गया और साथ ही हमारे बिहार के प्रदेश अध्यक्ष को भी तोड़ने का काम किया गया. साल 2005 में नवंबर में हुए चुनाव में सभी हमारे जीते हुए एक विधायक को भी तोड़ने का काम JDU ने ही किया.’ चिराग ने आगे लिखा, ‘2020 में जीते हुए एक विधायक को भी तोड़ने का काम JDU द्वारा ही किया गया. अब LJP के 5 सांसदों को तोड़ JDU ने अपनी ‘बांटो और शासन करो’ की रणनीति को दोहराया है.’
‘कई बार हुआ राजनीतिक हत्या का प्रयास’
इतना ही नहीं चिराग ने पत्र में आगे कहा कि रामविलास पासवान के जीवन में कई बार नीतीश द्वारा उनकी राजनीतिक हत्या का प्रयास किया गया. दलित और महादलित में बंटवारा करवाना उसी का एक उदाहरण है. उन्होंने पत्र में लिखा, ‘हमारे नेता रामविलास पासवान जी ने और मैंने दलित और महादलित समुदाय में कभी कोई अंतर नहीं समझा. सबको एकजुट कर अनुसूचित जाति के लोगों के लिए संघर्ष किया लेकिन नीतीश कुमार जी ने मुझे और मेरे पिता को अपमानित करने का और राजनीतिक तौर पर समाप्त करने का कोई मौका नहीं छोड़ा. इतना कुछ होने पर भी हमारे नेता रामविलास पासवान जी नहीं झुके.’
‘एलजेपी हमारी थी और हमारी रहेगी’
चिराग पासवान ने अपने पत्र के अंत में कार्यकतार्ओं के के लिए लिखा, ‘साथियों, आने वाले समय में हम सबको एक लंबी और राजनीतिक और सैद्धांतिक लड़ाई लड़नी है. ये लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष के अस्तित्व की नहीं बल्कि रामविलास पासवान के विचारधारा को बचाने की है.’ उन्होने वादा करते हुए कहा कि एलजेपी हमारी थी और हमारी रहेगी.