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कोविद 19 कोरोना वायरस जिसे चीनी वायरस भी कहा जा रहा है इस वायरस ने पूरी दुनिया में अपना कहर बरपाया है।
इसी क्रम में इसने भारत के लोग भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं और लोगों को अनको परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

पीएम मोदी ने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 24 मार्च को राष्ट्रीय स्तर पर 21 दिनों के लॉक डाउन की घोषणा की, और फिर 15 अप्रैल को इसे 3 मई तक के लिए बढ़ाया, पीएम का संदेश स्पष्ट था – लोग घरों में रहें ताकि इस वायरस के प्रकोप से बच सके।

घरों में बंद रहना और घर से काम करना चुनिंदा लोगों के लिए सौभाग्य की बात है। समाज का एक बड़ा वर्ग जो अपने दो वक़्त के भोजन के लिए दैनिक मजदूरी पर निर्भर हैं, उनके सर पे तो मानो दुखो का पहाड़ टूट गया है । इन लोगों ने अपनी कमाई का सारा साधन खो दिया ऐसे में इनके सामने सबसे बड़ी चुनौती है दो वक़्त का भोजन के जुगाड की।

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कोरोनोवायरस लॉकडाउन ने दुनिया को प्रभावित किया है। व्यवसाय संघर्ष कर रहे हैं और महामारी कब खत्म खत्म होगी इसपे कोई स्पष्टता नहीं है। ऐसे में वे लोग जिनके सर पर छत नहीं हैं और आम दिनों में भी जिनको दो वक़्त का भोजन के लिए संगर्ष करना पड़ता है; उनकी कमाई के सारे जरिए समाप्त हो गए है और यह लॉकडाउन उनके लिए बहुत ही तनावपूर्ण समय बन गया है।
इन सब में सबसे ज्यादा दिहाड़ी मजदूर, झुग्गी-झोपड़ी और बेघर लोगों सबसे ज्यादा प्रभावित है।

भले ही केंद्र और राज्य सरकारों ने विभिन्न योजनाओं को लागू किया है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि देश में कोई भी खाली पेट नहीं रहे, भारत जैसे देश में घनी आबादी को देखते हुए, ये हर एक जरूरतमंद तक पहुंच पाना बहुत मुश्किल कार्य है।
इस तरह की संकट की स्थिति में, विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी पहल की है और संकट में लोगों को भोजन और अन्य अवासक सामग्री मुहैया करा रहे हैं।

बंडामुंडा का भगत सिंह क्लब ऐसे संगठनों में से एक है, जिसने सदस्यों ने यह संकल्प लिया कि कोई भी खाली पेट न सोए,इसके तहत ये बंडामुंडा एवम् आस पास के इलाकों के दिहाड़ी मजदूरों, झुग्गीवासियों और बेघर लोगों को पका हुआ भोजन उपलब्ध करा रहे हैं।

क्लब हर दिन 500 से अधिक भूखे लोगों को खाना खिला रहा है। लॉक डाउन लागू होने के बाद से वे हर दिन यह काम कर रहे हैं। और लॉकडाउन समाप्त होने तक इस सामाजिक सेवा को जारी रखने की बात कही है।
क्लब परिसर में एक रसोई स्थापित की गई है और खाना पकाने का काम क्लब अध्यक्ष के नेतृत्व में एक टीम द्वारा किया जाता है। लॉकडाउन के नियमों एवं स्वच्छता मानदंडों का पालन करते हुए सफाई के साथ पौस्टिकता को ध्यान में रखते हुए 500 लोगों के लिए भोजन तैयार किया जाता हैं।

भोजन तैयार करने और वितरण के दौरान क्लब के सदस्य सामाजिक दूरी, मुंह ढकना और दूसरे स्वच्छता सावधानियां का कड़ाई से पालन करते हैं।

इस मिशन को सफल बनाने में डी.अभिषेक, अरुण किशन, चंदन तराई, प्रबल डे, संतोष राव, गोपाल सिंह, कन्हैया सिंह, रोहित गोप, टी.जग्गा राव, स्वपन तराई, सुप्रिया तांती, पूर्णिमा सेन, मंजू सिंह, सोम डे ,लक्ष्मी और क्लब के अन्य सदस्य दिन-रात अथक परिश्रम कर रहे हैं, जिसमें धन की व्यवस्था, राशन एवम् सब्जियों की खरीद , खाना बनाना, पैकिंग और समय पर वितरण शामिल हैं।

भगत सिंह क्लब बंडामुंडा के अध्यक्ष ने आस पास के इलाकों के लोगों से अपने क्लब के प्रयासों में शामिल होने और स्वय इच्छा से आगे आ के मदत करने की अपील की है।

इन जैसे संगठनों के प्रयासों को देखते हुए, यकीन होता कि जल्द ही कोरोना हारेगा और देश जीतेगा।

राउरकेला ,ओडिशा से रितेश प्रजापति की रिपोर्ट।

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