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जलाई गई बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए,आरोपी को फांसी की सजा देने के लिए
*करनी सेना ने निकाला कैंडल मार्च।

जिंदगी की जंग लड़ रही दुमका की अंकिता आखिरकार हार गई।

आपको बता दें की दुमका के नगर थाना क्षेत्र के जरूवाडीह का रहने वाला शाहरुख हुसैन नाम के युवक की मोहल्ले के हिन्दू लड़की अंकिता सिंह से पिछले कुछ महीनों से जान पहचान हुई थी.

अंकिता 12 वीं की छात्रा थी और स्कूल जाते आते शाहरुख से मुलाकात होती थी. पिछले कुछ दिनों से शाहरुख उसे प्रपोज कर रहा था, लेकिन अंकिता उसे नजरअंदाज कर रही थी.

शाहरुख को उसकी बेरुखी नागवार गुजरी और उसने इसका अंजाम भुगतने की धमकी अंकिता को दी थी.

धमकी को हकीकत तब बदल गई, जब सुबह चार बजे शाहरुख पेट्रोल की बोतल लेकर अंकिता के घर के पीछे उस खिड़की के पास पहुंचा, जहां अंकिता सोती थी.

खुली खिड़की से उसने सोई हुई अंकिता पर पेट्रोल उड़ेल कर माचिस जलाकर आग के हवाले कर दिया और वहीं खड़े होकर आग के लपटों में घिरी चीखती चिल्लाती अंकिता को देखता रहा.

आग के लपटों में घिरी अंकिता दरवाजे खोल बाहर भागी. घर में मौजूद परिवार के लोग उसकी चीख सुनकर जग गए और किसी तरह आग को बुझाया, लेकिन तब तक वह काफी जल चुकी थी.

अंकिता के घरवालों ने खिड़की की आग बुझाने के दौरान शाहरुख को वहीं खड़े देखा. आस पड़ोस के लोग भी आवाज सुन कर वहां पहुंचने लगे, तो पकड़े जाने के डर से आरोपी शाहरुख वहां से भाग खड़ा हुआ था।

इस घटना के प्रतिवाद में देश विदेशों में बहादुरी एवम अपने साहसी कार्यों का परचम लहराने वाली करनी सेना के ओड़शा प्रदेश करनी सेना ने झारसुगुड़ा बस स्टैंड के पास कैंडल मार्च निकाल एवम आरोपी शाहरुख को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से फर्स्ट ट्रैक कोट में ट्रायल चलाकर फांसी के सजा की मांग की।